Thursday, May 30, 2019

هواوي: مليارات المستهلكين سيتضررون من وضع الشركة في قائمة سوداء أمريكية

وربطت الوكالة الوطنية للجريمة أيضا بين شركة فيكسبيرغ في جزر فيرجين البريطانية والزوجين، من خلال طلب هاجييفا للتأشيرة. فقد أبلغت وزارة الداخلية أنها أحد المستفيدين من الشركة التي تمتلك المنزل.
أما مالك نادي (ميل رايد جولف) في بيركشاير فهو أكثر تعقيدا.
وتظهر وثائق المحكمة أن النادي تملكه شركة بريطانية يرمز إليها بالأحرف (إم آر جي سي).
وهذه تمتلكها شركة تدعى ناتورا ليمتيد، أسست في غيرنزي.
وفي أغسطس/آب 2016 أعلن في أوراق رسمية أن هاجييفا هي الشخص المسؤول في شركة (إم آر جي سي) ليمتيد. ولكن هذه الشفافية لم تستمر إلا يوما واحدا، إذ إن اسمها أزيل فيما بعد.
وقالت الوكالة الوطنية للجريمة في أوراقها للمحكمة: "إن الطريقة التي حصلت بها هاجييفا على العقار غير معتادة، وسرية، ومعقدة، وينقصها التفسير المعقول، وتشير إلى غسيل أموال".
وأضافت: "هذا سبب يدفعنا إلى الاعتقاد بأن إلغاء اسمها كشخص مهم في الشركة كان محاولة للتغطية على ارتباطها بالعقار".
وأشارت أوراق الوكالة الوطنية للجريمة إلى وجود عقارات أخرى، إذ إن هناك شركة أخرى في جزر فيرجين البريطانية ذات صلة بهاجييفا امتلكت المنزل المجاور لمنزلها في لندن، ويعتقد المحققون أيضا أنها تمتلك فيلا في ساردينيا، وعقارا في أذربيجان.
وعاشت هاجييفا، هي وابنتها الكبرى ليلى يوزباشوفا، في شقة تقدر قيمتها بـ3 ملايين استرليني تمتلكها شركة أخرى تقع تحت سيطرتها.
وحينما قدمت طلبا للعيش في بريطانيا، باعتبارها مستثمرة ثرية، لم تقدم - كما تقول الوكالة الوطنية للجريمة - دليلا على مصدر آخر للدخل. وتدعيما لطلبها اشترت سندات حكومية بمبلغ مليون جنيه استرليني في أغسطس/آب 2010. وجاء هذا القرض من زوجها، بحسب سجلات المحكمة.
وأكد زوجها بعد خمس سنوات لوزارة الداخلية في خطاب قال فيه: "لدي أنا وزوجتي تمويل مالي كاف"، لمنحها إقامة دائمة.
وبعد عدة أشهر من ذلك قبض عليه في أذربيجان، واتهم بالسرقة من البنك الذي كان يديره.
ونفت هاجييفا غير مرة ارتكاب أي خطأ، وهي الآن تستأنف قرار الوكالة الوطنية للجريمة ضدها. وتكافح أيضا من أجل عدم ترحيلها إلى أذربيجان، في قضية تبدأ جلساتها في وقت لاحق من هذا العام.
وكشفت هاجييفا في بيان للمحكمة أنها قالت إنها لا تسطيع الدفاع عن نفسها، ولا عن زوجها، لأنه في السجن، ولا يستطيع توفير التفاصيل الخاصة به كرجل أعمال قانوني ناجح.
قال أعلى مسؤول في الشؤون القانونية في شركة هواواي إن التحرك الأمريكي لإدراج الشركة الصينية على قائمة سوداء تجارية في الولايات المتحدة يُعد "سابقة خطيرة" قد تلحق أضرارا بمليارات المستهلكين.
وأضاف سونغ ليوبنغ، مدير الشؤون القانونية لدى هواوي، في مؤتمر صحفي أن الحظر التجاري سوف يلحق "أضرارا مباشرة" بشركات أمريكية ويؤثر على الوظائف في الولايات المتحدة.
وأدرجت واشنطن هواوي في قائمة الشركات التي يُحظر على الشركات الأمريكية التعامل معها من دون الحصول على رخصة تسمح لها بذلك.
ويأتي حظر التعامل مع عملاق الاتصالات الصيني في إطار معركة تجارية أوسع نطاقا بين الولايات المتحدة وهواوي.
واستندت الإدارة الأمريكية في حظر التعامل مع الشركة الصينية، التي تعد أكبر مُصنّع لمعدات الاتصالات على مستوى العالم، إلى مخاوف حيال الأمن الوطني الأمريكي.
قال سونغ ليوبنغ إن قرار إدراج هواوي، التي تعد أيضا ثاني أكبر مُصنّع للهواتف الذكية، ضمن ما يُعرف "ُ Entity List"، (وهي قائمة تخضع نشاطات الشركات والأفراد والكيانات التجارية المدرجة فيها لمراقبة كل تحويلاتها المالية خشية محاولة الحصول على سلع أو تقنيات حساسة تتعلق بالأسلحة وقضايا أمنية)، سوف يكون له تبعات خطيرة.
وأضاف: "ينطوي هذا القرار على تهديد بإلحاق أضرار بعملائنا في أكثر من 170 دولة، من بينهم ثلاثة مليارات مستهلك يستخدمون منتجات وخدمات هواوي حول العالم".
وأشار إلى أن "الحكومة الأمريكية بمنعها الشركات من العمل مع هواوي، ستلحق أضرارا مباشرة بحوالي 1200 شركة أمريكية، وسيؤثر ذلك على عشرات الآلاف من العمالة في الولايات المتحدة".
ماذا عن التحركات الأمريكية الأخرى ضد هواوي؟
أوضح ليوبنغ، في حديثه للصحفيين في شينزن، أن الخطوات التي اتخذتها هواوي على مستوى الدعوى القضائية التي رفعتها ضد الإدارة الأمريكية في مارس/ آذار الماضي.
وتتعلق القضية بالقيود التي تحظر على مؤسسات الحكومة الفيدرالية في الولايات المتحدة استخدام منتجات هواوي.
وقالت الشركة إنها تقدمت بطلب إلى المحكمة لإصدار "حكم عاجل" يتضمن المطالبة بالإسراع في "وقف الإجراءات غير القانونية التي تتخذ ضد الشركة".
وقال مدير الشؤون القانونية بالشركة الصينية: إن "الحكومة الأمريكية لم توفر أية أدلة على أن هواوي تشكل تهديدا أمنيا. لا يوجد سلاح للجريمة، ولا دخان، إنها محض تكهنات".
وحددت المحكمة جلسة استماع لطلب هواوي في 19 سبتمبر/ أيلول المقبل.
تأتي ملاحقة واشنطن لهواوي في إطار صراع أوسع نطاقا بين الولايات المتحدة والصين.
وتحركت واشنطن لإقناع حلفائها بوقف التعامل مع عملاق الاتصالات الصيني مبررة ذلك بالمخاطر التي ينطوي عليها استخدام منتجات هواوي في بناء الجيل الخامس من شبكات الهاتف الجوال.
ومنعت بعض الدول، من بينها أستراليا ونيوزلندا، هواوي من تزويد الجيل الخامس من شبكات الهاتف الجوال فيها بالمعدات.
إضافة إلى ذلك، تواجه الشركة العشرات من الاتهامات الجنائية من قبل الإدارة الأمريكية. كما تسعى واشنطن إلى ترحيل مينغ وانزو، المديرة المالية لشركة هواوي، من كندا حيث ألقي القبض عليها في ديسمبر/ كانون الأول الماضي بناء على طلب مسؤولين أمريكيين.
تأتي هذه التطورات وسط تصاعد حدة التوترات التجارية بين واشنطن وبكين.
ودخل أكبر اقتصادين على مستوى العالم في معركة تجارية العام الماضي تضمنت فرض الدولتين تعريفات جمركية على سلع ومنتجات من الجانبين تقدر بعشرات المليارات من الدولارات.
وقررت واشنطن في وقت سابق من الشهر الجاري مضاعفة قيمة التعريفة الجمركية المفروضة على سلع ومنتجات صينية بقيمة 200 مليار دولار سنويا، ما دفع الصين إلى الرد بزيادة في التعريفة الجمركية التي تفرضها على السلع والمنتجات الأمريكية.
وربط الرئيس الأمريكي دونالد ترامب بين الحرب التجارية بين بلاده والصين بالإجراءات التي تتخذ ضد هواوي عندما قال إن "هواوي قد تكون جزء من الاتفاق التجاري" بين الولايات المتحدة والصين.

Wednesday, May 15, 2019

अलवर गैंग रेप पर मोदी और मायावती आए साथ

आमतौर पर हम शरीर में खुजली और चकत्ते देखकर अनदेखा कर देते हैं. सोचते हैं कोई इंफ़ेक्शन हो गया है. तो पहले तो ऐसा करना छोड़ना होगा. इसके लिए कोई अलग से ब्लड टेस्ट नहीं होता है लेकिन किसी विशेषज्ञ को संपर्क कर सकते हैं.
कई बार विशेषज्ञ उस हिस्से का स्किन सैंपल ले लेते हैं और माइक्रोस्कोप से जांच करते हैं.
इसके अलावा अगर आपके घर में किसी को सोरायसिस की शिकायत रह चुकी है तो पहले से ही सतर्क रहें और अगर ऐसा कोई भी निशान नज़र आए या चमड़ी खुरदुरी और मोटी लगे जो जांच करा लें.
- प्लाक सोरायसिस : यह सबसे सामान्य प्रकार है. इसमें शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं.
- ग्यूटेट सोरायसिस : ये शरीर पर दानों के रूप में नज़र आता है.
- इन्वर्स सोरायसिस : शरीर के जो हिस्से मुड़ते हैं , वहां पर इसका सबसे ज़्यादा असर देखने को मिलता है.
- पस्ट्युलर सोरायसिस : इसमें लाल चकत्तों के इर्द-गिर्द सफेद चमड़ी जमा होने लगती है.
- एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस : यह सोरॉसिस का सबसे ख़तरनाक रूप है जिसमें खुजली के साथ तेज़ दर्द भी होता है.
सोरायसिस का इलाज आमतौर पर इस बीमारी को बढ़ने से रोकता है और इससे सोरायसिस नियंत्रण में रहता है. इसका इलाज तीन चरणों में होता है...
- टॉपिकल: इसमें प्रभावित जगह पर क्रीम और तेल लगाना शामिल हैं
- फ़ोटोथेरेपी: अल्ट्रावायलेट किरणों से इलाज
- सिस्टेमिक: दवा या इंजेक्शन
रश्मि भी कहती हैं कि लाइफ़स्टाइल की वजह से वो शुरुआती वक़्त में उतना ध्यान नहीं दे सकीं जितना ज़रूरी था. इसका एक असर ये भी हुआ कि वज़न भी बढ़ गया.
डॉक्टर भी मानते हैं कि सोरायसिस के लिहाज़ से सबसे ज़रूरी है कि हम अपना ख्याल रखें. शुरुआती ध्यान से इसे बढ़ने से रोका जा सकता है.
भारतीय जनता पार्टी ने अमरीका की प्रतिष्ठित पत्रिका 'टाइम' के कवर पेज पर प्रधानमंत्री मोदी को 'महाविभाजनकारी' कहे जाने को लेकर इसके लेखक के पाकिस्तानी होने की बात कही है. टाइम के अंतर्राष्ट्रीय संस्करण में मोदी को जिस आलेख में 'महाविभाजनकारी' कहा गया है उसे आतिश तासीर ने लिखा है.
आतिश तासीर के पिता सलमान तासीर पाकिस्तान के उदारवादी नेता थे. सलमान को उनके अंगरक्षक ने ही पाकिस्तान में ईशनिंदा क़ानून के ख़िलाफ़ बोलने पर गोली मार दी थी. तासीर की मां भारत की जानी-मानी पत्रकार तवलीन सिंह हैं जो कि अक्सर मोदी के समर्थन में दिखती हैं.
टाइम की कवर स्टोरी में सवाल पूछा गया है कि 'क्या दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र एक बार फिर से पाँच सालों के लिए मोदी सरकार को चुनेगा?' टाइम की इस कवर स्टोरी की सोशल मीडिया पर ख़ूब चर्चा हो रही है. मोदी के विरोधियों ने इस कवर स्टोरी को काफ़ी तवज्जो दी है.
इस पत्रिका में एक और आलेख प्रकाशित किया गया है. यह आलेख राजनीति विज्ञानी इयन ब्रेमर की है, जिसका शीर्षक है- 'आर्थिक सुधार के लिए मोदी भारत की सबसे श्रेष्ठ उम्मीद.'
शनिवार को बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि टाइम मैगज़ीन में तासीर का आलेख मोदी को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान की अप्रत्यक्ष कोशिश है. पात्रा ने पूछा, ''इस आलेख का लेखक कौन है? इसका लेखक एक पाकिस्तानी है. एक पाकिस्तानी नागरिक ने कहा कि मोदी जी महाविभाजनकारी हैं और राहुल गांधी ने उसे ट्वीट किया. एक पाकिस्तानी से हम उम्मीद ही क्या कर सकते हैं?''
बीबीसी के पूर्व पत्रकार तुफ़ैल अहमद ने ट्वीट कर पूछा कि क्या भारतीय मीडिया मोदी पर इस तरह की कवर स्टोरी कर सकता है? इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए तवलीन सिंह ने लिखा है, ''तुफ़ैल पूरे आलेख को आप पढ़ेंगे तो पाएंगे कि इसमें भारतीय राजनीतिक परिदृश्य की आलोचना की गई है न कि केवल मोदी की. इसमें राहुल गांधी को भी औसत दर्जे का बताया गया है. वैसे मोदी पर तो पहले दिन से ही भारतीय मीडिया में हमले होते रहे हैं.''