Friday, August 31, 2018

भारत इंग्लैंड तीसरा टेस्ट: जीत के दरवाज़े पर भारत

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सिरीज़ के नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज में खेले जा रहे तीसरे मैच में इंग्लैंड ने 9 विकेट खो कर कुल 311 रन बना लिए हैं.
इससे पहले मंगलवार को भारत ने इंग्लैंड को 521 रनों का लक्ष्य दिया था.
तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक इंग्लैंड ने बिना विकेट गंवाए 23 रन बनाए थे. एलिस्टर कुक 9 रन पर खेल रहे थे और केटॉन जेनिंग्स 13 रन पर थे. मेज़बान टीम अपने लक्ष्य से 498 रनों की दूरी पर थी.
बुधवार को मैच के चौथे दिन इंग्लैंड ने आगे खेलना शुरु किया लेकिन पहले ही ओवर में इशांत शर्मा ने जेनिंग्स का विकेट चटका लिया. चौथे दिन बिना खाता खोले जेनिंग्स विकेटकीपर ऋषभ पंत को कैच दे बैठे.
लड़खड़ाती पारी को बेन स्टोक्स और जोस बटलर ने संभाला. स्टोक्स ने 62 रन बनाए और बटलर ने 106 रनों की शतकीय पारी खेली.
चौथे दिन के खेल के ख़त्म होने तक टीम के 9 विकेट गिर चुके थे और टीम ने कुल 311 रन जोड़े हैं. क्रीज़ पर आख़िरी दो खिलाड़ी जेम्स एंडरसन 8 रनों के साथ और आदिल राशिद 30 रनों के साथ डटे हुए हैं.
अब पांचवे दिन, यानी गुरुवार को यहां से आगे खेल शुरु होगा. इंग्लैंड के पास एक विकेट बचा है और उसे जीत के लिए 210 रनों की ज़रूरत है.
भारतीय गेंदबाज़ों की बात करें तो सबसे बेहतरीन प्रदर्शन जसप्रीत बुमरा का रहा जिन्होंने 28 ओवर दे कर पांच विकेट चटके.
इंशात शर्मा ने दो विकेट चटके जबकि मोहम्मद शमी और हार्दिक पांड्या ने एक-एक विकेट चटके.
तीसरे टेस्ट के लिए इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाज़ी का न्यौता दिया था. भारत ने पहली पारी में 329 रन बनाए जिसके जवाब में इंग्लैंड सिर्फ़ 161 रन बनाकर आउट हो गई.
भारत ने दूसरी पारी 7 विकेट पर 352 रन बनाकर घोषित कर दी. भारत की ओर से कप्तान विराट कोहली ने दूसरी पारी में 103 रन बनाए. पहली पारी में उन्होंने 97 रन बनाए थे.
विराट कोहली इस सिरीज़ के अब तक के सबसे बड़े स्कोरर साबित हुए हैं. उन्होंने अब तक 753 गेंदों का सामना करते हुए 440 रन बनाए हैं.
पांच मैचों की इस सिरीज़ में भारत 2-0 से पीछे चल रहा है. लेकिन तीसरे टेस्ट के साथ ही भारत लगभग जीत के दरवाज़े पर आकर खड़ा हो गया है और उम्मीद है कि अब सिरीज़ 2-1 पर आ जाएगा.
सिरीज़ का चौथा मैच साउथहैम्पटन अगस्त 30 से सितंबर तीन के बीच खेला जाएगा.
जब 15 साल की उम्र में सौरभ ने निशानेबाजी को अपना करियर चुना तो किसी को अंदाज़ा नहीं था कि वो एक साल के भीतर ही कमाल कर देंगे.
16 साल की उम्र में भारतीय निशानेबाज सौरभ चौधरी ने एशियन गेम्स 2018 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है.
सौरभ ने यह पदक 10 मीटर के एयर पिस्टल में जीता है. सौरभ की जितनी उम्र है उसके हिसाब से मैदान में कहीं ज़्यादा परिपक्वता दिखी.
सौरभ ने 42 साल के तोमोयुकी मतसुदा को हराया है. तोमयुकी जापान के हैं. तोमयुकी 2010 के विश्व चैंपियन रहे हैं.
इस प्रतियोगिता में सौरभ का कुल स्कोर 240.7 रहा. इस स्कोर के साथ ही सौरभ ने एशियाई गेम में इतिहास रच दिया है.
सौरभ मेरठ के कलीना गांव के हैं और उनके पिता एक किसान हैं. इस जीत के साथ ही चौधरी से उम्मीदें बढ़ गई हैं.
कुछ महीने पहले ही जर्मनी में आयोजित जूनियर वर्ल्ड कप में सौरभ ने स्वर्ण पदक जीता था. तनी कम उम्र में सौरभ चौधरी से उम्मीद नहीं थी कि वो स्वर्ण पदक जीतेंगे. इससे पहले जसपाल राणा, रणधीर सिंह, जीतू राय और रंजन सोढ़ी ने भी युवा रहते ये जीत हासिल की थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ सौरभ ने कहा है कि खेल के दौरान उन पर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं था.
सौरभ 11वीं क्लास के छात्र हैं. मेरठ से 53 किलोमीटर दूर बागपत के पास बेनोली के अमित शेरॉन एकेडमी में सौरभ ने ट्रेनिंग ली है. वो अपने पिता के खेती के काम में भी हाथ बँटाते रहे है.
पीटीआई से सौरभ ने कहा है, ''मैं खेती करना पसंद करता हूं. मुझे ट्रेनिंग से ज़्यादा वक़्त नहीं मिल पाता है, लेकिन जब भी वक़्त मिलता है तो अपने गांव कलीना में पिता के साथ खेत में काम करता हूं.''
इस एशियन गेम्स में सौरभ की जीत से भारत को निशानेबाजी में पहला स्वर्ण पदक मिला है. के राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में रजत पदक जीतने वाले प्रकाश ननजपा का कहना है कि सौरभ का भविष्य ऐतिहासिक होगा क्योंकि वो काफ़ी प्रतिभावान हैं.
उन्होंने कहा कि सौरभ की प्रतिभा ओलंपिक में पदक जीतने लायक है. 2018 का एशियन गेम्स चौधरी का पहला सीनियर गेम था.
भारत में 16 की उम्र में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले सौरभ चौधरी एकलौते खिलाड़ी बन गए हैं.
रणधीर सिंह ने 32, रंजन सोढी ने 30 और जीतू राय ने 26 साल की उम्र में गोल्ड जीता था.
1994 में हिरोशिमा के एशियन गेम्स में जसपाल राणा ने 17 साल की उम्र में गोल्ड जीता था.

Friday, August 17, 2018

俄罗斯造纸项目考验绿色“一带一路”

面对日益增长的木材需求和国内供应短缺,中国正在扩大从俄罗斯的木材及制品进口。但人们可能没有意识到的是,10年内俄罗斯的木材供应就可能告急。

在黑龙江省北部城市加格达奇的网站上,一则宣传投资阿玛扎尔林浆一体化项目的广告称“俄罗斯可更新利用的森林资源占世界的四分之一,有着丰富木材资源。”该项目位于俄罗斯境内,靠近中俄边境。

这种说法要是真的就好了。

目前,俄罗斯境内成熟的森林很是稀少,俄政府发放给新出口企业的采伐许可也已耗尽。一些与中国接壤的地区甚至出现建筑木材短缺,连本地的需求也无法满足。

由于数据过时,俄罗斯的森林资源并没有准确的数字统计,但根据俄罗斯绿色和平组织的数据,每年至少有100万公顷的森林被砍伐,而被森林大火破坏的林地面积则更大。

对自然的威胁

但面临危险的不只是中国的木材供应。俄罗斯边境省份猖獗的森林砍伐也威胁着中国的“生态文明”建设。跨境生态系统遭破坏对当地气候、共享的河道、迁徙的野生动物种群、环境旅游业和“绿色经济”的发展前景都有不利影响。

俄罗斯方面的许多人对这一情况的担忧与日俱增。民众多次请愿,呼吁停止向中国出口木材。2017至2018年还发起了大规模的抗议活动。

一些努力确实起到了成效。5月11日在布里亚特共和国扎卡缅斯克区举行的公开听证会上,公民决定不允许中国投资者租用8.6万公顷的原始落叶松林。相反,他们成立了森林管制公民委员会( )来确保公众对林业部门的监督和对森林的保护。

管理不善的遗留问题
过去25年来,亚洲国家对木材的需求居高不下。2006年,中国仅从俄罗斯远东地区就进口了1200万立方米木材,但俄罗斯森林的破坏早在苏联时期就已经开始。

最大的问题是俄罗斯仍在其原始森林中进行“森林开采”。这种操作以不可持续的方式将森林砍伐殆尽,任其自然再生。

导致这一情况的原因之一在于俄罗斯缺乏发展人工林业的能力。俄国家森林局的一再重组导致森林管理质量持续下降,过去15年间当地林业从业人数减少了10倍。

然而,由于中国对木材的需求规模巨大且中国企业并未对该问题做出应对,这个在很大程度上由俄国内管理不善造成的问题却被演绎成一个来自中国的威胁。

西伯利亚的争议

西伯利亚最具争议的林业项目阿玛扎尔纸浆锯木厂(Am ,以下简称阿玛扎尔厂)反映了中俄两国林业部门之间复杂的关系。

该厂目前正在建设中,位于俄罗斯后贝加尔斯克省,距中国边境87公里,包括一个纸浆厂、两个木材加工设施、一个位于阿玛扎尔河上的水库和一片广阔的特许伐木林。整个项目为黑龙江兴邦国际资源投资股份有限公司全权所有。
自1999年起,后贝加尔斯克省第一个合资林业公司就开始肆意砍伐原始森林,至少每天有60辆卡车载着未经处理的原木越过位于洛古河临时过货通道的季节性边界,该大桥为私人所有。

类似企业如雨后春笋般在中俄边境涌现出来,促进了原木出口贸易的发展。而这不但没给俄罗斯带来多少利益,反而还引发了公众的批评。对此很是失望的俄罗斯政府严加限制出口,并敦促中国投资者在俄罗斯境内加工木材,以求将更大的附加值留在本国。

因此,后贝加尔斯克省和黑龙江省于2003年达成阿玛扎尔厂建设协议,并计划于2007年开始运营。

但对于林业企业而言,出口原木仍是更加实际的赚钱方式,所以之后5年阿玛扎尔厂本身的建设并没有什么进展。当时,200多万公顷的森林被租借给一些伐木公司,这些公司和阿玛扎尔厂多少存在联系。
但由于违反俄罗斯法律并涉嫌腐败丑闻,这条运输路线最终于2008年关闭,原木出口成为不可能。2013年以来,该项目一直受到民间社会的关注,并接受了各种检查。2015年,俄罗斯总统人权理事会也对其进行了调查。​

重启纸浆厂

2008年以来,阿玛扎尔厂项目的支持者一直在推动俄当局重新开放跨境运输线路。事实上,随着中国“一带一路”倡议的宣布,一些人甚至宣称该线路是中蒙俄经济走廊的关键部分。

毫无疑问,对中俄边境这个地处偏远、人烟罕至的角落而言,除了阿玛扎尔厂之外,也很难开展任何其他经济活动。

木材不足

该纸浆厂每年生产243486吨未漂白的纸浆以及多达70万立方米的木材。该厂原先规划年产量是40万吨纸浆,由于森林资源无法支持如此大的生产规模所以缩减了一半。

阿玛扎尔项目获准租用的森林有一半位于鄂温克族的传统用地范围内,其中一些之前已经预留用于建设自然保护区,其中就包括额尔古纳河沿岸218234公顷的原始森林,这里是阿玛扎尔唯一持有合法租约的地方。

即使把这片生物多样性丰富的森林全砍了,也只能满足项目15%到20%的需求。俄罗斯政府保证为这个“优先投资项目”提供能够生产157万立方米木材的森林。但到目前为止,其他出租给该厂的林地由于生产力低下,未能满足阿玛扎尔厂的需求。该厂称每年需要250万立方米的木材,但目前其半径200公里内的森林资源很难满足其10年运营期内的需求。

中国的绿色承诺面临考验

2017年,中国发布《关于推进绿色“一带一路”建设的指导意见》,要求确保海外项目的发展不超过当地生态系统的承载能力和复原力。

阿玛扎尔项目正迅速成为检验这一绿色承诺的试金石。(根据最近的一则广告)该项目的成本为47亿元,且迫切需要追加投资。2010年,项目从中国国家开发银行获得了24亿元贷款,并从其他来源筹得近10亿的资金。由于预计建设成本翻了一番,项目已经打算再次筹资。
许多中国企业都希望通过购买“一带一路”沿线的资产来实现自身经营活动的多样化,在深圳证券交易所上市的缝纫机制造商中捷资源投资股份有限公司就是其中之一。

中捷试图向股东募集资金用于锯木厂的建设,计划在兴邦国际中持有60%的股份,并进一步投资10亿元用于阿玛扎尔厂的建设。从其公开的文件来看,中捷既未阐明具体的环境和社会风险,也没有给出森林资源充足的证据。

2017年5月,致力于可再生纸张生产的机构联盟组织“国际环保纸张网络”(International Environmental Paper Network,简称EPN)以及俄罗斯国内外的8家非政府组织向深圳证券交易所和中国证券监督管理委员会提交申请,要求调查该公司。2018年初,中捷因未能得到监管部门批准撤回了非公开发行股票的申请文件。

“这说明证券交易所采取了严格的尽职调查程序,并考虑到了中国海外投资对脆弱的北方生态系统的潜在影响,”“国际环保纸张网络”在一篇新闻稿中说。

改变策略

非政府组织正在呼吁该项目的支持者从此次筹资失败的案例中吸取教训。他们首先应对项目的风险和长期可行性进行全面评估,考虑在该省发展其他经济,而不是寻找其他的融资来源。

但这看起来似乎不太可能。项目支持者做出的反应是加倍努力寻找其它投资者和重新开放跨境运输路线。这样一来,原木出口将得到恢复,并依靠出口带来的收入完成阿玛扎尔厂项目的建设。

然而,俄罗斯总统办公室承诺对整个项目重新进行环境影响评估(EIA),这是朝着正确方向迈出的一步,但近年来,俄国内环境影响评估程序有所削弱,因此未来的评估本身可能无法确保项目的可持续性得到改善。

阿玛扎尔厂项目是一次机会,让中俄两国能够重新评估一些已经根深蒂固但具有误导性的观点,如类似加格达奇网站上宣传的那样,认为中国可以在“一带一路”合作的旗帜之下继续开发俄罗斯不再丰富的森林资源。

如果今后10年“一带一路”的北部线路不再被有生产力的森林覆盖,那该倡议的“绿色”愿景也就无从谈起。

Sunday, August 12, 2018

प्रेस रिव्यू: 'अच्छे दिन आने वाले हैं' से डर गए थे अंग्रेज़

यह वो नारा या है या वो पंचलाइन है जिसे बीजेपी ने साल 2014 के आम चुनाव से पहले वोटरों को रिझाने के लिए इस्तेमाल किया था.
दरअसल इसी शीर्षक की एक कविता आज़ादी से पहले लिखी गई थी.
कविता कुछ इस तरह थी-
ऐ मादरे हिंद न हो ग़मग़ीन, अच्छे दिन आने वाले हैं. आज़ादी का संदेश तुझे अब जल्द सुनाने वाले हैं. मां तुझको जिन जल्लादों ने दी है तकलीफ़ जईफी में, मायूस न हो, मगरूरों को हम अब मज़ा चखाने वाले हैं.
अंग्रेज सरकार इस कविता से इतना डर गई थी कि उसने इस पर प्रतिबंध लगा दिया.
अभी यह कविता दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय की प्रतिबन्धित साहित्य प्रदर्शनी में लगी हुई और काफ़ी लोगों का ध्यान खींच रही है.
इस कविता का संकलन घासीराम शर्मा ने गीतां
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक रिपोर्ट है जो सरकार और न्यायपालिका के बीच का मतभेद उजागर करती है.
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने हाई कोर्ट के जजों के लिए सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के सुझाए 50% से ज़्यादा नामों पर किसी न किसी तरह की आपत्ति जताई है.
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की तरफ़ से केंद्र सरकार को अब तक 126 जजों के नामों की सिफ़ारिश भेजी गई है, जिनमें से सरकार ने आधे से ज़्यादा नामों में कोई न कोई कमी निकाल दी.
इससे पहले सरकार ने कोलेजियम नामों की सिफ़ारिशों पर परिवारवाद का आरोप भी लगाया था.
लि नाम की किताब में किया था. हालांकि ये पता नहीं लग पाया है कि ये कविता लिखी किसने है.
यह ख़बरदैनिक जागरण की एंकर स्टोरी है.
आधार पर जारी विवादों के बीच यूनीक आइडेंटिफ़िकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (UIDAI) ने अब लोगों को यह बताने की योजना बनाई है कि सुरक्षित तरीके से आधार नंबर का इस्तेमाल कैसे किया जाए. यानी, कहां आधार नबंर शेयर किया जाए और कहां नहीं.
अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 साल के कम उम्र की बच्चों के साथ बलात्कार पर फांसी की सज़ा वाले क़ानून पर हस्ताक्षर कर कर दिए हैं.
इसके प्रावधानों के मुताबिक दो महीने के भीतर बलात्कार मामले की जांच पूरी करना अनिवार्य होगा.
नया क़ानून 21 अप्रैल, 2018 से देश में लागू माना जाएगा.
यह ख़बर
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ही एक और रिपोर्ट है, जो बताती है कि भारत में सिर्फ 2% ट्रांसजेंडर अपने माता-पिता के साथ रहते हैं.
यह जानकारी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से कराए गए एक अध्ययन में सामने आई है.
अध्ययन से यह भी पता चला है कि तक़रीबन 57% ट्रांसजेंडर सेक्स असाइन्मेंट सर्जरी (सेक्स चेंज ऑपरेशन) कराना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से ऐसा नहीं कर सकते.
नवभारत टाइम्स में है.
यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने कहा है कि आधार के इस्तेमाल से जुड़ी शंकाओं के समाधान के लिए जल्दी ही FAQ (फ़्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चन्स) की एक लिस्ट तैयार की जाएगी, जिसमें क़रीब एक दर्जन सवालों के जवाब होंगे.
आधार से जुड़ा विवाद तब और तेज़ हो गया जब ट्राई के चेयरपर्सन आरएस शर्मा ने ट्विटर पर अपना आधार नंबर शेयर कर दिया और इसकी बाद उनकी निजी जानकारियां ( अकाउंट नंबर, फ़ोन नंबर और पता) सामने आ गईं.